हाई टेंशन लाइन के नीचे धड़ल्ले से कट रही अवैध कॉलोनी, विभाग मूकदर्शक
हरिद्वार। श्यामपुर क्षेत्र में हाई टेंशन लाइन के नीचे ट्रस्ट की भूमि पर अवैध कॉलोनी काटने का खेल बेखौफ तरीके से चल रहा है। नियमों की खुलेआम अवहेलना करते हुए बिल्डर लगातार प्लॉटिंग का काम कर रहे हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि हरिद्वार–रुड़की विकास प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारी अवैध कॉलोनी को नोटिस भेजकर चुप बैठ गए हैं, जबकि जमीन पर काम अब भी उसी तेजी से जारी है। विभागीय कार्रवाई का बिल्डरों पर कोई असर नहीं दिख रहा। स्थानीय लोगों और सूत्रों के मुताबिक, जिस भूमि पर यह अवैध गतिविधि चल रही है, वह एक ट्रस्ट की है। यह भूमि आश्रम निर्माण के उद्देश्य से एक फाउंडेशन द्वारा दान पत्र के माध्यम से ट्रस्ट को सौंपी गई थी। लेकिन आश्रम के स्थान पर अब यहां धड़ल्ले से प्लॉट काटकर अवैध कॉलोनी खड़ी की जा रही है। हाई टेंशन लाइन के नीचे निर्माण पूरी तरह नियमविरुद्ध है, इसके बावजूद न तो प्राधिकरण और न ही अन्य विभाग इस ओर गंभीरता दिखा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि यह पहला मौका नहीं है जब ये बिल्डर ऐसी अनियमितताओं में लिप्त पाए गए हों। करीब एक वर्ष पहले भी इन्होंने वन माफियाओं के साथ मिलकर उद्यान विभाग की आंखों में धूल झोंकते हुए एक ही स्थान पर दो अलग-अलग संख्या 12 और 11 के तहत पेड़ काटने की अनुमति हासिल की थी। उस अनुमति का दुरुपयोग करते हुए सैकड़ों हरे-भरे आम और लीची के पेड़ बेरहमी से काट दिए गए। मामले की शिकायत के बाद विभागीय अधिकारियों ने कुछ औपचारिक कार्रवाई अवश्य की, लेकिन वह केवल दिखावे तक सीमित रही। कुछ पेड़ों की कटाई का मामला दर्ज कर फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
अब एक बार फिर वही खेल शुरू हो चुका है। कई दिनों से अवैध रूप से पेड़ों की कटाई कर नए प्लॉट तैयार किए जा रहे हैं। भारी मशीनों की आवाज़ें और रात के समय होती गतिविधियाँ इस बात का संकेत हैं कि बिल्डरों को कार्रवाई का कोई डर नहीं है। स्थानीय लोग स्वयं को असहाय महसूस कर रहे हैं, क्योंकि शिकायतों के बावजूद न तो विभागीय अधिकारी मौके पर पहुँच रहे हैं और न ही कोई रोकथाम की कार्रवाई हो पा रही है। क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि यदि समय रहते इस अवैध कॉलोनी पर रोक नहीं लगी, तो न केवल पर्यावरण को नुकसान होगा बल्कि ट्रस्ट की धार्मिक भावना से जुड़ी भूमि का उद्देश्य भी पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। अब देखना यह होगा कि इस खबर के सामने आने के बाद विभाग कब और कैसी कार्रवाई करता है, या फिर यह मामला भी औपचारिकता निभाकर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।


































































































































































































































































