बहादराबाद में छठ पर्व की धूम—गंग नहर घाट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़।।
बहादराबाद में छठ पर्व की धूम—गंग नहर घाट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, भव्य साज-सज्जा के बीच हुआ सूर्योपासना का पर्व।।
विषेश संवाददाता : अभिषेक यादव
दिनांक : 27/10/2025
हरिद्वार।
आस्था, श्रद्धा और विश्वास का महापर्व छठ रविवार को बहादराबाद में अत्यंत धूमधाम और श्रद्धा भाव से मनाया गया। गंग नहर के पवित्र घाट पर सुबह से ही व्रती महिलाएं अपने परिवारों के साथ पहुँचने लगीं। संध्या अर्घ्य के समय पूरा घाट “छठ मईया” के जयघोष से गूंज उठा। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर अपने परिवार और समाज की सुख-समृद्धि की कामना की।
इस अवसर पर घाट को आकर्षक रूप से सजाया गया था। स्थानीय प्रशासन और सामाजिक संस्थाओं की ओर से साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए थे। रंग-बिरंगी झालरों, दीपों और फूलों से सजा घाट किसी तीर्थस्थल से कम नहीं लग रहा था। महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में सजी धजी, सिर पर सुपली में ठेकुआ, केला, नारियल, फल और दीप रखकर घाट की ओर जाती दिखीं तो वातावरण पूरी तरह आध्यात्मिक हो उठा।
इस पावन अवसर पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आशीष यादव भी उपस्थित रहे। उन्होंने श्रद्धालुओं के साथ छठ माता की पूजा-अर्चना की और प्रदेश व देश के सभी लोगों के सुख, समृद्धि व खुशहाली की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि “छठ पर्व हमारी संस्कृति की पहचान है। यह पर्व प्रकृति, परिवार और समाज के प्रति आभार व्यक्त करने का संदेश देता है।”
आशीष यादव ने श्रद्धालुओं से संवाद करते हुए कहा कि इस पर्व में सबसे बड़ा संदेश है — त्याग, संयम और स्वच्छता। छठ मईया के प्रति महिलाओं की अटूट आस्था देखकर हर कोई भावविभोर हो जाता है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन और स्वयंसेवकों की टीम की भी सराहना की जिन्होंने पूरे आयोजन को व्यवस्थित और शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराया।
संध्या के बाद जब दीपों की लौ गंगनहर की लहरों पर तैरने लगी, तो दृश्य मन को मोह लेने वाला था। श्रद्धालुओं की भावनाओं, भक्ति और संगीत से सजी इस शाम ने बहादराबाद को अध्यात्म से भर दिया।
अगले दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रतियों ने चार दिन के इस पर्व का समापन किया। बहादराबाद में इस बार का छठ पर्व भक्ति, स्वच्छता और सामूहिक सद्भाव का अद्भुत उदाहरण बन गया — जहाँ आस्था ने एक बार फिर दिखा दिया कि भारतीय संस्कृति की जड़ें कितनी गहरी और सशक्त हैं।
रिपोर्ट : न्यूज़ हरिद्वार संवाददाता

































































































































































































































































