मातृसदन में सानंद को नमन, स्वामी शिवानंद बोले — ‘गंगा की आवाज़ दबाने की साजिश’

गंगा तपस्वी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा — स्वामी शिवानंद ने हरिद्वार एसएसपी पर लगाए गंभीर आरोप, बोले: ‘मीडिया को डराया जा रहा है।
— धर्म संसद अध्यक्ष स्वामी प्रबोधानंद गिरी और अखाड़ा परिषद प्रवक्ता बाबा हठयोगी ने दी श्रद्धांजलि, कहा: ‘सानंद गंगा वीर थे’
हरिद्वार।
माँ गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले गंगा तपस्वी ब्रह्मलीन स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद (प्रो. जी.डी. अग्रवाल) की आठवीं पुण्यतिथि शनिवार को मातृसदन आश्रम में श्रद्धापूर्वक मनाई गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ पूज्य संतों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया।
मातृसदन में सानंद को नमन, शिवानंद बोले — ‘गंगा की आवाज़ दबाने की साजिश’
स्वामी शिवानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि स्वामी सानंद जी का जीवन गंगा और पर्यावरण की रक्षा के लिए एक दिव्य प्रेरणा है।
अपने संबोधन में उन्होंने प्रशासनिक दबाव और मीडिया की चुप्पी पर तीखा हमला करते हुए कहा —
“मुझे मरवाने की साजिश रची जा रही है। हरिद्वार के एसएसपी तक इसमें शामिल हैं। हमारे साथ भी कभी कुछ भी हो सकता है।”
उन्होंने कहा कि मातृसदन की आवाज़ को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। “मीडिया को इतना डराया गया कि कोई भीअखबार वाला और नेशनल पत्रकार जोकि अमूमन आते थे अब इस कार्यक्रम की कवरेज करने नहीं आया। गंगा के लिए जो आवाज़ उठती है, उसे सुनियोजित तरीके से रोका जा रहा है।”
स्वामी शिवानंद जी ने कहा कि मातृसदन सदैव सत्य, तप और निष्पक्षता के मार्ग पर चला है — “गंगा की रक्षा हमारा धर्म है, और कोई भी शक्ति इसे रोक नहीं सकती।”
इस अवसर पर आईआईटी रुड़की के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के लगभग 33 छात्र मातृसदन पहुँचे।
स्वामी सानंद जी स्वयं इसी संस्थान के पूर्व छात्र (Alumnus) रहे हैं।
देश के बंगाल, ओडिशा, महाराष्ट्र, गुजरात सहित कई राज्यों से आए इन विद्यार्थियों ने गंगा संरक्षण आंदोलन और मातृसदन की तपश्चर्या को निकट से समझा।
उन्होंने मातृसदन घाट पर गंगा सफाई अभियान में भाग लिया और कहा —
“यहाँ आकर समझ आया कि गंगा की पवित्रता केवल पूजा नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है।”
कर्नाटक से आईं संत भैरवी माँ ने कहा कि “सानंद जी ने जिस निष्ठा से गंगा के लिए प्राण त्यागे, वह भाव आने वाली पीढ़ियों को दिशा देगा।”
धर्म संसद के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी जी महाराज ने मातृसदन के तपस्वियों को नमन करते हुए कहा “स्वामी सानंद जी गंगा के सच्चे साधक और गंगा वीर थे। ऐसे महात्मा विरले ही इस धरती पर जन्म लेते हैं।”
अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता बाबा हठयोगी ने भी मातृसदन को गंगा संरक्षण की अग्रणी शक्ति बताते हुए कहा — “मातृसदन आज भी स्वामी शिवानंद सरस्वती के मार्गदर्शन में निष्पक्ष भाव से गंगा की रक्षा की लड़ाई लड़ रहा है। उन पर दैवी कृपा है, क्योंकि वे केवल गंगा ही नहीं, मानवता की रक्षा कर रहे हैं।”
कार्यक्रम में डॉ. विजय वर्मा, वर्षा वर्मा, अधिवक्ता अरुण भदौरिया, अभिषेक दुबे, सुरेन्द्र, विनय और मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के समापन पर मातृसदन परिवार ने सभी संतों और आगंतुकों का आभार व्यक्त करते हुए यह संकल्प दोहराया कि —
> “गंगा निर्मल रहे, अविरल रहे — यही हमारी साधना, यही सानंद जी को सच्ची श्रद्धांजलि है।”

































































































































































































































































