धर्म संसद को मिली फिर से प्राण वायु, जल्द ही कुछ बड़ा होने की संभावनाएं प्रबल
सनातन का परचम विश्व में लहराने को तैयार — महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी बोले, ईश्वरीय कृपा सनातन पर है, मौजूदा मोदी नेतृत्व इसका प्रमाण

हरिद्वार।
हरिद्वार की पावन भूमि पर धर्म संसद में आज आध्यात्मिक इतिहास का नया अध्याय रचा गया। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी नरसिंहानंद गिरी ने मां और महादेव को साक्षी मानकर अपने बड़े भाई महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी के चरणों में सिर नवाया और विनम्र भाव से पिछली त्रुटियों के लिए क्षमा मांगी।

धर्म संसद में यह अद्भुत संगम संभव हुआ महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद गिरी महाराज की दिव्य मध्यस्थता से। उनकी मधुर और प्रभावशाली मध्यस्थता ने दोनों बड़े महारथियों को पुनः एक सूत्र में पिरो दिया और साधु-संत समाज में उल्लास और हर्ष की लहर दौड़ गई।

स्वामी नरसिंहानंद गिरी ने भावुकता से कहा —
“बड़े भाई स्वामी प्रबोधानंद गिरि जी महाराज के लिए मैं कहीं भी लड़ने — मरने को तैयार हूँ। महामंडलेश्वर के आदेशों का मैं निष्ठापूर्वक पालन करूँगा।”
उनके इस दृढ़ संकल्प ने सभा को भावविभोर कर दिया और साधु-संतों में एक नया उत्साह भर दिया। स्वामी नरसिंहानंद गिरी ने आगे आह्वान किया —
“अब समय आ गया है कि हम सब अपने अहंकार और स्वार्थ को त्यागकर धर्म युद्ध की ओर अग्रसर हों। मां और महादेव हमें सामर्थ्य दें कि हम सनातन धर्म की रक्षा में प्राण तक न्योछावर कर सकें।”
वरिष्ठ महामंडलेश्वर व धर्म संसद के अध्यक्ष स्वामी प्रबोधानंद गिरी महाराज ने कहा —
“महादेव और त्रिदेव-त्रिमाता की कृपा से सब अच्छा होने वाला है। मौजूदा सरकार, मौजूदा व्यवस्था और मौजूदा मोदी नेतृत्व इस बात का प्रतीक है कि सनातन पर ईश्वरीय कृपा निरंतर बनी हुई है। अब निश्चय ही विश्व के पटल पर सनातन का परचम लहराएगा और अखंड भारत का स्वप्न साकार होगा।”
धर्म संसद की इस नई प्राण वायु ने साधु-संत समाज में गूंजते स्वर को और प्रखर बना दिया है। चर्चा है कि आने वाले समय में कोई बड़ा निर्णय या बड़ा अध्याय विश्व के सामने खुलने वाला है। हरिद्वार से उठी इस दिव्य हुंकार ने महात्माओं, महामंडलेश्वरों और सनातनी समाज को एकजुट कर दिया है — हर ओर हर्षोल्लास और आशा की लहर है।
“सनातन का परचम विश्व में लहराकर ही रहेगा, और धर्म संसद इसका युगनायक बनकर सामने आएगी।”


































































































































































































































































