हरिद्वार में आइसक्रीम फैक्ट्रियों का ज़हरीला सच उजागर!

❖न्यूज हरिद्वार विशेष पड़ताल❖
विशेष संवाददाता।
नकली मिठास में डूबा शहर, बच्चों की सेहत से खुला खिलवाड़
हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में अब धर्म और आस्था नहीं, बच्चों की सेहत से गंदा मज़ाक चल रहा है। शहर के विभिन्न इलाकों में धड़ल्ले से चल रही अवैध आइसक्रीम फैक्ट्रियों का पर्दाफाश हुआ है, जहां न तो किसी प्रकार का लाइसेंस है, न ही कोई गुणवत्ता प्रमाणन।
स्थानीय सूत्रों और छापों में सामने आया है कि ये फैक्ट्रियां बिना FSSAI की मंज़ूरी के ही बाजार में आइसक्रीम सप्लाई कर रही हैं। दुकानों पर बिक रही इन आइसक्रीमों में न एक्सपायरी डेट होती है, न एमआरपी।
सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि आइसक्रीम में चीनी की जगह सैक्रीन जैसे खतरनाक रसायनों का उपयोग हो रहा है। सैक्रीन को चिकित्सकीय रूप से “धीमा ज़हर” माना गया है, जो विशेष रूप से बच्चों के लिए बेहद घातक हो सकता है।
गंदगी में बन रही मिठास, फैक्ट्रियों का हाल शर्मनाक
इन अवैध फैक्ट्रियों में न तो सफाई है, न कोई मानक प्रक्रिया। वायरल हो रहे एक वीडियो ने इस गंदगी को और उजागर कर दिया है। वीडियो में एक कर्मचारी पहले आइसक्रीम को अपने मुँह में डालता है और फिर उसे पैक करता हुआ दिख रहा है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैला है।
हालांकि अभी तक वीडियो में दिख रही फैक्ट्री की शिनाख्त नहीं हो पाई है, लेकिन जनता में इसको लेकर आक्रोश चरम पर है।
प्रशासन बना मूकदर्शक, क्या है मिलीभगत?
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि फूड विभाग को कई बार शिकायत दी गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इससे यह संदेह और गहरा गया है कि कहीं विभाग और अवैध फैक्ट्रियों के बीच मिलीभगत तो नहीं?
उपभोक्ता सुरेश कुमार कहते हैं:
> “हमने कई बार शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बच्चों को ज़हर खिला रहे हैं ये लोग।”
महिला उपभोक्ता ने भावुक होते हुए कहा:
> “हम अपने बच्चों को क्या खिला रहे हैं—ये सोचकर ही डर लगने लगता है।”
हरिद्वार फूड विभाग अधिकारी संजय शर्मा ने सफाई दी:
हमारी जानकारी में मामला आया है और आदेश दे दिए गए हैं। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।”
जनता का अल्टीमेटम: अब और नहीं सहेंगे!
स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि इन फैक्ट्रियों पर एफआईआर दर्ज कर तुरंत सील किया जाए। यदि अब भी प्रशासन नहीं चेता, तो क्षेत्रवासी सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।