August 6, 2025
#Analytics #Blog #Candidates #Crime #Events #Feature #Ganga #Haridwar #People #Police #politics #Proceeding #Tech news #travel #world #Yatra #कार्यवाही #खनन #प्रशाशन #सुरक्षा

चारधाम यात्रा के दौरान हरिद्वार परिवहन विभाग की लापरवाही: श्रद्धालुओं की आस्था पर भारी पड़ी बेलगाम रफ्तार

हरिद्वार :चारधाम यात्रा के पावन अवसर पर जहां एक ओर लाखों श्रद्धालु आस्था और विश्वास के साथ कठिन यात्रा पर निकलते हैं, वहीं दूसरी ओर हरिद्वार से गुजरता यात्रा मार्ग लापरवाही, नियमों की अनदेखी और प्रशासनिक चूक का नमूना बनता जा रहा है। इस बार श्रद्धालुओं की परीक्षा पहाड़ी रास्तों से नहीं, बल्कि सड़क पर दौड़ते मौत के पहियों से हो रही है।

ओवरलोड डंपर और ट्रकों का आतंक

चारधाम यात्रा मार्ग पर इन दिनों ओवरलोड डंपर और ट्रकों की आवाजाही ने खतरे की घंटी बजा दी है। खनन से लदे इन भारी वाहनों का वजन 60 से 70 टन तक पाया गया है, जो भारतीय मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत तय अधिकतम सीमा (लगभग 25 टन तक) से कहीं अधिक है।

स्थानीय निवासी प्रवीण कुमार ने आरोप लगाया कि ये वाहन दिन-दहाड़े नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए परिवहन विभाग की आँखों के सामने से गुजरते हैं। “ये गाड़ियाँ श्रद्धालुओं को छत पर बैठाकर ले जाती हैं, जो बेहद खतरनाक है। जाम लगना और ब्रेक फेल की घटनाएँ अब आम हो गई हैं,” ।

प्रशासनिक जवाबदेही पर उठे सवाल

हरिद्वार की एआरटीओ नेहा झा से जब इस विषय में बात की गई, तो उनका संक्षिप्त उत्तर था —

> “शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाती है।”

हालांकि, क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि कार्रवाई की प्रक्रिया धीमी है और केवल औपचारिकताओं तक सीमित रहती है।

सड़क हादसों में डरावना इज़ाफा

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, उत्तराखंड में 2023 में 1,973 सड़क दुर्घटनाएँ दर्ज की गईं, जिनमें 2,145 लोग घायल और 1,002 लोगों की मौत हुई। हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे प्रवेश द्वारों पर भारी वाहनों की बढ़ती संख्या ने इस आँकड़े को और भयावह बना दिया है।

प्रशासनिक मानक और उनकी अनदेखी

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अनुसार, यात्रियों को ढोने वाले वाहनों की छत पर किसी भी सूरत में सवारी बैठाना कानूनी अपराध है। इसके अलावा, खनन सामग्री ले जा रहे वाहनों को निर्धारित वजन सीमा का पालन करना अनिवार्य है — पर इन नियमों की खुलेआम अवहेलना हो रही है।

स्थानीयों की मांग — तुरंत संज्ञान लें सरकार

क्षेत्रवासियों ने राज्य सरकार और परिवहन विभाग से इस मुद्दे को गंभीरता से लेने और तुरंत कार्यवाही करने की माँग की है।
“चारधाम यात्रा सिर्फ धार्मिक नहीं, भावनात्मक आस्था का केंद्र है। अगर यही स्थिति रही, तो यह व्यवस्था की विफलता बन जाएगी,” एक स्थानीय दुकानदार ने कहा।

“चारधाम यात्रा में आस्था के साथ श्रद्धालु अपनी सुरक्षा की उम्मीद लेकर निकलते हैं। लेकिन हरिद्वार से गुजरता यह यात्रा मार्ग उस उम्मीद को झकझोर रहा है। ऐसे में प्रशासन का समय रहते सजग न होना, आने वाले दिनों में किसी बड़े हादसे की भूमिका बन सकता है।”

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *