हरिद्वार में अवैध मदरसों पर प्रशासन की सख्ती, भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने

उत्तराखंड: हरिद्वार जनपद में प्रशासन द्वारा अवैध मदरसों और मजारों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है, जिससे राजनीतिक गलियारों में घमासान मचा हुआ है। हाल ही में सुमन नगर में स्थित एक मजार के ध्वस्तीकरण के बाद कांग्रेस और भाजपा के विधायक आमने-सामने आ गए हैं।
ज्वालापुर के कांग्रेस विधायक रवि बहादुर ने इस कार्रवाई पर राज्य सरकार को घेरते हुए इसे “नाकाम सरकार” बताया। उन्होंने प्रशासन से सवाल किया कि जब जिला न्यायालय परिसर स्थित मदरसे को दो बार सील क्यों किया गया प्रशासन की मनसा सवाल खड़े करता है उनका कहना है कि सरकार और प्रशासन की कार्रवाई एकतरफा और भेदभावपूर्ण लग रही है।
वहीं, दूसरी ओर, खानपुर विधायक उमेश कुमार ने हरिद्वार जिला अधिकारी के आदेश के बाद बंद पड़े मदरसे को फिर से खुलवाया, जिससे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। इस घटनाक्रम के बीच रानीपुर विधायक आदेश चौहान ने सरकार की कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि राज्य में अवैध रूप से संचालित मदरसों और मजारों को हटाने का यह सही कदम है और प्रशासन को इसे तेज करना चाहिए।
हिंदू रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष व वरिष्ठ महामंडलेश्वर प्रबोधनंद ने भी प्रशासन से अपील की है कि जिला न्यायालय परिसर में स्थित अवैध मदरसे को जल्द से जल्द हटाया जाए।
राजनीतिक संग्राम तेज, प्रशासन पर बढ़ा दबाव
इस पूरे मामले के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक टकराव तेज हो गया है। कांग्रेस सरकार पर धार्मिक भेदभाव का आरोप लगा रही है, जबकि भाजपा इसे कानून व्यवस्था और अतिक्रमण विरोधी अभियान का हिस्सा बता रही है।
प्रशासन की कार्रवाई से बढ़ी हलचल
हरिद्वार प्रशासन अब दबाव में है और इस मुद्दे पर कोई ठोस निर्णय लेने की तैयारी कर रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन अपने कदम पर अडिग रहता है या राजनीतिक दबाव में कोई नरमी बरतता है।