December 11, 2025
# Tags
#Blog #Boycott #Business #Chief minister #Congress #Crime #Dehradun #DM #Education #Election #Fashion #Feature #Ganga #Haridwar #People #PM yojana #Police #politics #Sadhu sant #world #Yatra #कार्यवाही #पॉयलेट बाबा आश्रम #सुरक्षा

2027 कुंभ तैयारियों पर संत समाज में गहरी नाराज़गी —  बयानबाज़ी के बाद दो महामंडलेश्वर जूना अखाड़े से निष्कासित, संतों में आक्रोश 

हरिद्वार भारत सेवाश्रम में स्थानधारी संतों की बड़ी बैठक — ‘अखिल भारतीय आश्रम परिषद’ के गठन का ऐलान, उधर सीएम बैठक पर टिप्पणियों से उठा तूफ़ान, जूना अखाड़े की सख़्त कार्रवाई

हरिद्वार, संवाददाता

2027 के कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर हरिद्वार के स्थानधारी साधु-संतों में नाराज़गी लगातार बढ़ती जा रही है। संत समाज ने आरोप लगाया है कि तैयारियों, तिथि निर्धारण और व्यवस्थाओं पर चर्चा के लिए प्रशासन ने केवल अखाड़ा परिषद को तरजीह दी, जबकि आश्रमों में निवास करने वाले संतों की राय पूरी तरह से नजरअंदाज़ कर दी गई।

 

रविवार को भारत सेवाश्रम में आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में संतों ने इस उपेक्षा की कड़े शब्दों में आलोचना की और ‘अखिल भारतीय आश्रम परिषद’ के गठन की घोषणा की—जिसका उद्देश्य आश्रमों से जुड़े साधु-संतों की समस्याओं, सुझावों और अधिकारों को संस्थागत मंच प्रदान करना होगा।

महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरी महाराज ने कहा कि कुंभ किसी एक संस्था का नहीं, बल्कि करोड़ों भक्तों और पूरे संत समाज की आस्था का विश्वव्यापी पर्व है। आश्रमों के साधु-संत श्रद्धालुओं की सेवा, चिकित्सा, आवास और व्यवस्था का बड़ा दायित्व संभालते हैं, इसलिए उन्हें समान सम्मान और अधिकार मिलना अनिवार्य है।

पूर्व प्रवक्ता बाबा हठयोगी ने बताया कि परंपरा के अनुसार कुंभ-अर्धकुंभ तैयारियों में सभी पक्षों से राय ली जाती थी, पर इस बार केवल अखाड़ों को प्राथमिकता दिए जाने से संत समाज में असंतोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि नई परिषद संतों के अधिकारों की रक्षा का सशक्त माध्यम बनेगी।

महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्रप्रकाश ने कहा कि हरिद्वार के स्थानधारी संत अनेक मतों-पंथों से जुड़े हैं और कुंभ की व्यवस्थाओं में उनका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सरकार से मांग की कि तुरंत सर्व-पक्षीय संत बैठक बुलाकर सभी की राय शामिल की जाए।

इस दौरान महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी, रविदेव शास्त्री, स्वामी शिवानंद, लोकेश गिरी और विनोद महाराज सहित अनेक संत मौजूद रहे। संतों ने चेतावनी दी कि बराबर की सहभागिता न मिलने पर आंदोलनात्मक निर्णय भी संभव है।

उधर कुंभ विवाद पर बड़ा घटनाक्रम — जूना अखाड़ा की सख़्त कार्रवाई

सूत्रों के अनुसार, कुंभ तैयारियों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की संतों के साथ हुई बैठक पर विवादित टिप्पणियों और अनर्गल बयानबाज़ी को लेकर जूना अखाड़ा बेहद नाराज़ है।

अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष महंत मोहन भारती महाराज ने अखाड़े की मर्यादा के खिलाफ आचरण का संज्ञान लेते हुए महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी और महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि को तत्काल प्रभाव से अखाड़े से निष्कासित कर दिया है

अखाड़ा सूत्रों का कहना है कि “अनुशासन ही सर्वोपरि है और परंपरा से बाहर कोई भी आचरण स्वीकार नहीं किया जाएगा।” बताया गया है कि विवादित टिप्पणी के मामले में अन्य संतों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

संत समाज की कड़ी चेतावनी

स्थानधारी संतों का कहना है कि

सरकार अर्धकुंभ पर पुनर्विचार करे, संत व्यवस्था और परंपरा के सम्मान से बड़ा कुछ नहीं।”

संतों ने स्पष्ट किया है कि यदि तैयारियों में आश्रमों को वैधानिक भागीदारी नहीं मिली, तो आंदोलन या बहिष्कार जैसे कदम उठाना भी विकल्पों में शामिल है।

2027 कुंभ तैयारियों पर संत समाज में गहरी नाराज़गी —  बयानबाज़ी के बाद दो महामंडलेश्वर जूना अखाड़े से निष्कासित, संतों में आक्रोश 

Taj Rishikesh Resort & Spa (IHCL) and

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *