मुनि मण्डल आश्रम पर कब्ज़े की साज़िश — संत समाज में उबाल!
हरिद्वार, विशेष संवाददाता
मुनि मण्डल आश्रम मामले में महात्माओं ने प्रेस वार्ता कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से तत्काल कार्रवाई की मांग।
मुख्य आरोपी चार संत, कुल 21 लोगों पर मुकदमा — देवभूमि की मर्यादा पर हमला बताकर संत समाज ने दी चेतावनी
कनखल के प्राचीन मुनि मण्डल आश्रम पर कब्ज़े की साज़िश का मामला तूल पकड़ गया है।
परमाध्यक्ष स्वामी आनन्द राघव जी महाराज ने प्रेसवार्ता में बताया कि “कुछ तथाकथित संत लगातार धमकी, उत्पीड़न और हिंसक भाषा का प्रयोग कर आश्रम की प्रतिष्ठा और संपत्ति हड़पने की साज़िश रच रहे हैं।”
स्वामी आनन्द राघव ने खुलासा किया कि 12 जुलाई 2025 को आश्रम में चल रहे पट्टाभिषेक समारोह के दौरान
श्री सूर्याश मुनि, श्री जयेन्द्र मुनि, महन्त गंगादास और महन्त चन्द्रमादास अपने साथ लगभग सत्रह सहयोगियों (कुल 21 लोग) के साथ घुस आए।
उन्होंने कार्यक्रम रुकवाने की कोशिश की और खुलेआम धमकी दी — “देख लेंगे, गोली मार देंगे!”
यह पूरी घटना वीडियो में दर्ज है।
मामले में थाना कनखल पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है और रिपोर्ट की प्रतिलिपि पुलिस महानिदेशक, जिलाधिकारी, एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार को भेजी गई है।

धर्म संसद अध्यक्ष बोले — “देवभूमि की मर्यादा पर कलंक है यह अपराध”
धर्म संसद के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी,
महामंडलेश्वर स्वामी शिवानन्द आचार्य,
कोठारी साध्वी मन्दाकिनी मुनि और डॉ. संतोष मुनि शास्त्री सहित अनेक संत इस प्रेसवार्ता में उपस्थित रहे।
संतों ने कहा — “हरिद्वार के अखाड़ों और आश्रमों में दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे षड्यंत्र, संपत्ति विवाद और अपराध, देवभूमि की पवित्रता को कलंकित कर रहे हैं।”
संत समाज ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से तत्काल संज्ञान लेकर सख्त कार्रवाई की मांग की।
उन्होंने चेतावनी दी —
“यदि ऐसे अपराधी तत्वों पर रोक नहीं लगी, तो संत समाज शांतिपूर्ण आंदोलन करेगा।”
हरिद्वार में बढ़ते अपराधों से संत समाज में आक्रोश
हरिद्वार जनपद में पिछले कुछ वर्षों में साधु-महात्माओं और आश्रमों से जुड़े अपराधों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
डीप एनालिसिस रिपोर्ट के अनुसार —
- तीन वर्षों में 15 से अधिक आश्रम विवाद,
- 7 संत अब तक लापता,
- और कई कथित महात्मा विभिन्न अपराधों में जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं।
इसी पृष्ठभूमि में 90 वर्षीय स्वामी आनन्द राघव जैसे सच्चे साधु को खुलेआम धमकी मिलना पूरे संत समाज के लिए चिंता का विषय बन गया है।
हालांकि पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है, पर गिरफ्तारी अब तक नहीं हुई है।
संत समाज की अंतिम चेतावनी
संतों ने कहा —
“यह सिर्फ एक आश्रम का नहीं, बल्कि पूरे सनातन संत परंपरा के अस्तित्व का सवाल है।
प्रशासन अब भी नहीं जागा, तो देवभूमि के साधु-संत सत्याग्रह के लिए तैयार हैं।”

































































































































































































































































