December 11, 2025
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देवभूमि में फौजी परिवार का पलायन — बिल्डर माफिया और जिहादी तत्वों ने तोड़ी हिम्मत हरिद्वार की शुभम सिटी में भय और अन्याय का माहौल, शासन-प्रशासन मौन

✍️ विशेष संवाददाता।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से न्याय की पुकार — “अब फौजी परिवार की सुनवाई हो”

🚨  बडेड़ी राजपूताना की शुभम सिटी फिर सुर्खियों में
हरिद्वार के पतंजलि क्षेत्र अंतर्गत बडेड़ी राजपूताना, क्रिस्टल वर्ल्ड के सामने स्थित शुभम सिटी एक बार फिर विवादों के केंद्र में है।
प्रशासनिक कार्रवाई के बावजूद यहां बिल्डरों का दबदबा कायम है और लोगों को गुमराह करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।
हाल ही में भारतीय सेना से रिटायर्ड प्रमोद कुमार चौधरी को यहां से पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा — और यही घटना अब पूरे हरिद्वार में चर्चा का विषय बनी हुई है।


“मेरी सुनवाई कोई नहीं कर रहा” — रिटायर्ड फौजी का दर्द

रिटायर्ड फौजी प्रमोद चौधरी का कहना है कि उन्होंने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, डीजीपी, एसएसपी हरिद्वार और जिलाधिकारी तक शिकायतें दीं,
मगर कहीं कोई कार्रवाई नहीं हुई।

“उल्टा बिल्डर संजीव गुप्ता और सरोज रावत मुझे धमकाने लगे। पुलिस से कहकर मेरे खिलाफ केस दर्ज कराने की बात करने लगे।
अब मैं अपने जीवन की कमाई से बनाए घर को छोड़कर किराए पर रहने जा रहा हूं। बच्चों की पढ़ाई ठप है, और प्रशासन मौन है।”


अवैध घोषित कॉलोनी में खुलेआम निर्माण — मिलीभगत पर उठे सवाल

शुभम सिटी को कुछ माह पूर्व विभाग ने अवैध घोषित किया था। प्रशासन ने नोटिस चस्पा किया और सड़कों पर बुलडोज़र चलवाया,
मगर आज भी कॉलोनी में अवैध निर्माण और प्लॉट बिक्री जारी है।
👉 बिल्डर संजीव गुप्ता और सरोज रावत खुलेआम नए खरीदारों को गुमराह कर रहे हैं।
👉 शिकायत करने वालों को डराया और धमकाया जा रहा है।
👉 कई परिवार मजबूरन कॉलोनी छोड़ रहे हैं।

 


महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरी बोले — “यह जिहादी कॉलोनी बनती जा रही है”

महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरी ने इस कॉलोनी को “जिहादी कॉलोनी” बताते हुए कहा था —

“सेकुलर हिंदुओं की चुप्पी के कारण हिंदू परिवारों के साथ अन्याय हो रहा है। अगर शासन नहीं जागा तो हरिद्वार की पहचान खतरे में पड़ जाएगी।”
उन्होंने कहा कि इस मामले में महात्माओं के नेतृत्व में जल्द ही धरना दिया जाएगा ताकि शासन-प्रशासन को जगाया जा सके।

 


“मैं भी इस कॉलोनी में फंसा हूं” — प्रदीप यदुवंशी

इस विवाद में एक और पीड़ित सामने आए हैं — भूपतवाला निवासी प्रदीप यदुवंशी , जिन्होंने बताया:

“मैंने शुभम सिटी में प्रॉपर्टी सरोज रावत से और संजीव गुप्ता से खरीदा थी, जिसमें सरोज रावत खुद गवाह है  लेकिन अब समझ आया कि यह पूरी तरह अवैध कॉलोनी है।
बिल्डर लगातार गुमराह कर रहे हैं। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि तुरंत कार्रवाई की जाए और सभी पीड़ितों को न्याय दिलाया जाए।”


स्थानीय नेताओं पर भी साए गहराए — मिलीभगत की बू

बडेड़ी राजपूताना क्षेत्र के कुछ स्थानीय नेताओं के नाम भी सामने आए हैं।
👉 आरोप है कि इन्हीं के संरक्षण में बिल्डर मनमानी कर रहे हैं।
👉 प्रशासन और पुलिस की खामोशी इसी गठजोड़ की देन बताई जा रही है।
फौजी के पलायन के बाद भी किसी अधिकारी ने मौके पर पहुंचने की ज़हमत नहीं उठाई — यह अपने आप में संवेदनहीन प्रशासनिक तस्वीर है।


“बिल्डर किसान का नाम लेकर बचना चाहता है” — प्रमोद चौधरी की खुली चेतावनी

“बिल्डर ने मुझे नोटिस भेजकर कहा कि तुमने किसान से जमीन खरीदी, हमारा इससे कोई लेना देना नहीं।
असल में धोखा तो बिल्डर ने ही दिया है। मैंने पुलिस से 400 बीसी की कार्रवाई की मांग की, पर कोई जवाब नहीं आया।”
प्रमोद चौधरी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से गुहार लगाई है कि
“मैं भी फौजी परिवार से आता हूं, उन्होंने देश की सेवा की है — अब वे मेरे जैसे पूर्व सैनिक को न्याय दिलाएं।”


पत्रकार की टिप्पणी — अब शासन की परीक्षा है

शुभम सिटी सिर्फ एक कॉलोनी नहीं, बल्कि हरिद्वार के प्रशासन और राजनीति की विश्वसनीयता की परीक्षा बन चुकी है।
👉 एचआरडीए, रेरा, नगर निगम और पुलिस — सबकी भूमिका पर सवाल हैं।
👉 प्रशासन गरीबों पर सख्त, पर बिल्डरों पर नरम क्यों?
👉 फौजी और आम नागरिकों को जब कोई सुनवाई नहीं, तो न्याय की उम्मीद किससे?
महात्माओं की अगुवाई में अगर यह आंदोलन शुरू हुआ, तो यह हरिद्वार में बिल्डर-माफिया राज के खिलाफ नया जनसत्याग्रह साबित हो सकता है।

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