शुभम सिटी विवाद: अवैध कॉलोनी पर ध्वस्तीकरण के बाद भी जारी निर्माण, पीड़ित जल्द देंगे मुख्यमंत्री आवास पर धरना
शुभम सिटी विवाद: अवैध कॉलोनी पर ध्वस्तीकरण के बाद भी जारी निर्माण, पीड़ित जल्द देंगे मुख्यमंत्री आवास पर धरना
पीड़ितों ने जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरी से की मुलाकात, जल्द होगी प्रेस वार्ता— शासन-प्रशासन और प्राधिकरण पर उठेंगे सवाल

हरिद्वार। बहादराबाद स्थित पिरामिड कॉलोनाइजर की विवादित कॉलोनी शुभम सिटी इन दिनों हरिद्वार में चर्चा का केंद्र बनी हुई है। कॉलोनाइजर संजीव गुप्ता और सरोज रावत पर आरोप है कि उन्होंने लोगों को HRDA और RERA अप्रूव्ड बताकर प्रॉपर्टी की बिक्री की, जबकि प्रोजेक्ट पर रेरा ने पहले ही पूरी तरह रोक लगा दी थी।
शुभम सिटी जाने के लिए मुख्य मार्ग जो दिल्ली हाइवे और आरोग्यम के बगल से उतरता है जलभराव गाड़ी डूब रही है
हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण (HRDA) जनवरी 2025 से लगातार नोटिस जारी कर रहा था। 19 सितंबर को आखिरकार प्रथम चरण का ध्वस्तीकरण शुरू हुआ और प्राधिकरण ने कॉलोनी की सड़कों व प्लॉटों की दीवारें तोड़ते हुए संदेश दिया कि अवैध निर्माण अब नहीं चलेगा।
ध्वस्तीकरण की छाया चित्र
लोगों में भय और पलायन
भारतीय सेना से सेवानिवृत्त प्रमोद कुमार ने बताया कि सरोज रावत और संजीव गुप्ता उन्हें झूठे मुकदमों और जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं। मजबूर होकर उन्होंने अपने परिवार को कॉलोनी से बाहर भेजा। इससे पहले प्रदीप यदुवंशी भी पलायन कर चुके हैं। कई अन्य मकान मालिक अपने घर वीरान छोड़ चुके हैं।
जलभराव और अव्यवस्था
कॉलोनी में जलभराव सबसे बड़ी समस्या बन चुका है। प्रवेश द्वार पर 3-4 फीट पानी जमा है, वहीं घरों तक पानी घुस चुका है। लोग डर के कारण कैमरे पर खुलकर बोल नहीं पा रहे।
प्रशासन पर सवाल
लोगों का आरोप है कि जब बिल्डर माफिया खुलेआम नियमों की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं, तो प्राधिकरण और पुलिस प्रशासन चुप क्यों है? मीडिया कवरेज के बावजूद कार्रवाई केवल खानापूर्ति तक सीमित रही।
अवैध निर्माण जारी
ध्वस्तीकरण के बावजूद कॉलोनी में प्रतिदिन दर्जनों मजदूर निर्माण कार्य कर रहे हैं। एक दर्जन से अधिक मकान निर्माणाधीन हैं। पीड़ितों का कहना है कि यह प्राधिकरण और बिल्डरों की मिलीभगत का परिणाम है।
महामंडलेश्वर से मुलाकात और प्रेस वार्ता की तैयारीपीड़ित परिवारों ने जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरी से मुलाकात की। महामंडलेश्वर ने आश्वासन दिया कि जल्द ही ठोस कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि इस विषय पर एक प्रेस वार्ता आयोजित की जाएगी, जिसमें शासन-प्रशासन और प्राधिकरण से जुड़े गंभीर सवाल सार्वजनिक रूप से उठाए जाएंगे।
महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरी से मुलाकात और आशीर्वाद लेते हुए

































































































































































































































































