लोकतंत्र पर हमला? छतरपुर में समाजवादी प्रचारक के साथ मारपीट।
लोकतंत्र पर हमला? छतरपुर में समाजवादी प्रचारक के साथ मारपीट।
विशेष संवाददाता : विजय यादव
दिनांक : 16/09/25
छतरपुर (म.प्र.)। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के हरपालपुर कस्बे में सोमवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रचारक के साथ अभद्रता और मारपीट की घटना सामने आई है। जानकारी के अनुसार, कासगंज (उत्तर प्रदेश) निवासी अंकित यादव पिता अबल सिंह, जो समाजवादी पार्टी की “पीडीए साइकिल यात्रा” के तहत पूरे प्रदेश का दौरा कर रहे हैं, हरपालपुर कस्बे में पहुंचे थे। इसी दौरान एक व्यक्ति ने उनकी साइकिल पर लगे समाजवादी पार्टी के झंडे को उतरवाने और उसकी जगह भाजपा का झंडा लगाने का दबाव बनाया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, व्यक्ति की पहचान अखिलेश सोनी के रूप में हुई है, जिसने झंडा न उतारने पर गाली-गलौज कर प्रचारक से मारपीट की। स्थानीय लोगों के बीच-बचाव से अंकित यादव को बचाया गया और यात्रा को आगे रवाना किया गया।
अंकित यादव का कहना है कि वह उत्तर प्रदेश के 70 जिलों में साइकिल यात्रा कर चुके हैं और अब प्रदेश के 5 जिलों में यात्रा जारी है। लेकिन इस तरह की घटनाएं लोकतांत्रिक मूल्यों पर प्रश्नचिह्न खड़ा करती हैं।
संवैधानिक दृष्टिकोण
भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को विचार, अभिव्यक्ति और राजनीतिक गतिविधि की स्वतंत्रता देता है। अनुच्छेद 19(1)(a) और 19(1)(c) नागरिकों को स्वतंत्र रूप से बोलने, विचार व्यक्त करने तथा संगठन/दल से जुड़ने का अधिकार प्रदान करता है। किसी भी व्यक्ति को अपनी राजनीतिक विचारधारा प्रकट करने या किसी दल के झंडे लगाने से रोकना, और ऐसा न करने पर हिंसा करना, न केवल लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ है बल्कि संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन है।
अब देखना यह होगा कि समाजवादी पार्टी इस घटना पर क्या रुख अपनाती है और प्रशासन दोषियों पर क्या कार्रवाई करता है।
रिपोर्ट : न्यूज़ हरिद्वार उत्तराखण्ड

































































































































































































































































