August 6, 2025
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उत्तराखंड में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला: SIT गठित, दोषियों पर होगी कठोर कार्रवाई।।

रिपोर्ट: विजय यादव

देहरादून। उत्तराखंड में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना के नाम पर हुए गबन और फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी धन हड़पने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए विशेष जांच टीम (SIT) के गठन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कल्याणकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।

मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार द्वारा 2021-22 और 2022-23 के आंकड़ों के आधार पर राज्य की 92 शैक्षणिक संस्थाओं को संदेह के दायरे में लिया गया है। इनमें से 17 संस्थाओं के खिलाफ प्रारंभिक जांच में छात्रवृत्ति की राशि के गबन की पुष्टि हो चुकी है। जांच में फर्जी आधार कार्ड, जाली निवास प्रमाणपत्र और काल्पनिक छात्रों के नाम पर सरकारी धन उठाने जैसे मामले उजागर हुए हैं। कई छात्रों का अस्तित्व ही नहीं था, फिर भी उनके नाम पर लाखों रुपये की छात्रवृत्ति निकाली गई।

जांच के दायरे में मदरसे, संस्कृत विद्यालय और निजी शिक्षण संस्थान शामिल हैं। प्राथमिक जांच में उधम सिंह नगर के सरस्वती शिशु मंदिर हाई स्कूल और रुद्रप्रयाग के वासुकेदार संस्कृत महाविद्यालय का नाम भी प्रमुख रूप से सामने आया है। इसके अलावा हरिद्वार, नैनीताल और अन्य जिलों की कई संस्थाओं पर भी जांच का शिकंजा कस गया है।

मुख्यमंत्री धामी ने SIT को निर्देश दिए हैं कि मामले की गहन जांच कर शीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कहा कि यदि जांच में किसी शासकीय अधिकारी या कर्मचारी की संलिप्तता पाई जाती है तो उसके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। केंद्र सरकार ने भी इस घोटाले को लेकर सात बिंदुओं पर जांच और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं, जिनमें दोषियों के विरुद्ध FIR दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करना शामिल है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य गरीब, वंचित और जरूरतमंद छात्रों तक छात्रवृत्ति की राशि पारदर्शिता से पहुंचाना है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति या संस्था इन योजनाओं का दुरुपयोग करेगी तो उसे किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि इस घोटाले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई कर उदाहरण प्रस्तुत किया जाएगा ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति गरीब छात्रों के हक पर डाका डालने का साहस न कर सके।

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