हरेला पर्व पर हरिद्वार में हरियाली का कत्ल! दिल्ली हाईवे किनारे 40 से 50 आम के पेड़ काटे, महामंडलेश्वर बोले: ये पर्यावरणीय जिहाद है, हरिद्वार प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल

उत्तराखंड में हरेला पर्व हरियाली, पर्यावरण संरक्षण और वृक्षारोपण का प्रतीक है। लेकिन पर्व से ठीक पहले, हरिद्वार-दिल्ली हाईवे पर करीब 50 हरे-भरे आम के पेड़ों की रातों रात निर्मम कटाई ने इस पर्व की आत्मा को ही आहत कर दिया।
बहादराबाद क्षेत्र, मैक्स हॉस्पिटल के पास 9 जुलाई की रात कोड तीन घंटे के भीतर यह सुनियोजित कटाई की गई। चश्मदीदों और ग्रामीणों के अनुसार, लगभग 30–40 मजदूरों, ट्रैक्टर-ट्रॉलियों, कुल्हाड़ियों, मिट्टी के तेल और अन्य औजारों से लैस एक संगठित गिरोह ने पेड़ों का सफाया कर दिया — और लगभग 70% बाग उजड़ गया।
🔥 सुनियोजित गिरोह और सांप्रदायिक संदर्भ
ग्रामीणों ने ठेकेदार नसीम अहमद का नाम लेते हुए आरोप लगाया कि यह पूर्व नियोजित अवैध कटान थी। मौके पर मौजूद मजदूर, ड्राइवर और उपकरण मालिकों की पहचान मुस्लिम समुदाय से जुड़ी पाई गई, जबकि बाग का मालिक एक स्थानीय हिंदू किसान है।
इस आधार पर लोगों में यह आशंका बलवती हो रही है कि यह केवल अवैध व्यापार नहीं, बल्कि “पर्यावरणीय जिहाद” का नया स्वरूप है — जो आस्था और प्रकृति दोनों पर सीधा प्रहार करता है।
🛑 विभागों की टालमटोल: प्रशासन बना मूकदर्शक
वन विभाग की SDO पूनम केंथोला ने मौके पर टीम भेजकर एक ट्रॉली जब्त की और रातभर निगरानी रखी। लेकिन उन्होंने यह कहते हुए मामला उद्यान विभाग को सौंप दिया:
> “यह हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।”
हरिद्वार उद्यान मुख्य अधिकारी तेजपाल सिंह ने कहा:
> “हमने बहादराबाद थाने और एसएसपी हरिद्वार को शिकायत भेजी है। कार्रवाई पुलिस और वन विभाग को करनी है।”
क्षेत्रीय उद्यान अधिकारी मासूम अली ने कहा:
> “हमने मौका मुआयना किया। हमारे पास सिर्फ आवेदन देने का दायित्व है। ठेकेदार से कोई संबंध नहीं होता, हम मालिक के खिलाफ ही कार्रवाई करते हैं।”
⚠️ मासूम अली पर संदेह, लोगों ने जांच की मांग की
स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया कि मासूम अली की पेड़ माफियाओं से सांठगांठ है। उनकी पूर्व भूमिका, कॉल रिकॉर्ड्स, और ठेकेदारों से संबंधों की स्वतंत्र जांच की मांग तेजी से उठ रही है।
9 जुलाई की रात को सूचना के बाद पहुँची थी वन विभाग की टीम
वन विभाग ने रात को पहुँच कर बाग का कटान देखकर सम्बंधित अधिकारी को फोन कर पूरे प्रकरण की जानकारी दी, जिसके बाद सुबह तक उसी स्थान पर रहकर रखवाली भी करी लेकिन फिर भी हरेला पर्व से पहले बाग का नामो निशान धरती से मिटा दिया गया।
📹 16 जुलाई को घटनास्थल की हालत और वीडियो से खुला पर्दाफाश
आज 16 जुलाई, हरेला पर्व के दिन जब पूरा प्रदेश वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण के नारों से गूंज रहा है — वहीं बहादराबाद स्थित घटनास्थल पर न केवल पेड़ों के ठूंठ गायब हैं, बल्कि पूरी जमीन की जुताई कर दी गई है।
प्रश्न ये उठता है — क्या विभाग ने उन कटे हुए पेड़ों को जब्त किया? या ठेकेदार उन्हें अपने साथ उठा ले गया?
अब तक न तो वन विभाग और न उद्यान विभाग ने इस पर कोई सार्वजनिक जानकारी दी है। कटे पेड़ों का कोई रिकॉर्ड या रसीदनुमा जब्ती प्रमाण नहीं दर्शाया गया।
इस बीच सामने आए एक वीडियो फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि रात के अंधेरे में मज़दूर बेरोकटोक पेड़ काट रहे हैं, ट्रैक्टर आ-जा रहे हैं, कोई रोकने वाला नहीं।
> इस वीडियो ने विभागीय चुप्पी और साजिश की परतें और गहरी कर दी हैं।
🏛️ प्रशासनिक चुप्पी और जनता की उम्मीद
जब जिलाधिकारी मयूर दीक्षित से मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने जवाब दिया:
“मामला मेरे संज्ञान में नहीं था। अब रिपोर्ट मंगाई जा रही है, कार्रवाई होगी।”
लेकिन सवाल यह उठता है कि जब पूरा प्रशासन हरेला पर्व पर हरियाली बचाओ के स्लोगन में व्यस्त था, तब ज़मीनी स्तर पर हरियाली की हत्या क्यों नहीं रोकी गई?
🌿 हरेला पर्व की महत्ता और सरकारी पाखंड
हर साल हरेला पर वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए अभियान चलते हैं, सरकारी कर्मचारी और स्कूली बच्चे पौधे लगाते हैं। लेकिन सावन के इस पर्यावरणिक पर्व पर इतने बड़े पैमाने पर अवैध पेड़ कटान से यह साफ हो गया है कि:
धरातल पर संरक्षण नहीं, सिर्फ प्रचार हो रहा है।
महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरी का तीखा बयान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस विषय पर करूँगा बात ।
हरिद्वार के वरिष्ठ महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरी ने इसे “पर्यावरणीय जिहाद” करार देते हुए कहा:
> “ठेकेदार मुसलमान, ट्रैक्टर मुसलमानों के, मज़दूर मुसलमान, और जिसे नुकसान हुआ वो हिंदू – यही तो जिहाद है।
प्रशासन को आंखें खोलनी होंगी, वरना हरिद्वार की सांस्कृतिक विरासत मिट जाएगी। मुख्यमंत्री से मिलूंगा तब मैं इस विषय पर उनसे जरूर बात करूंगा।
जनता और पर्यावरण प्रेमियों की मुख्य मांगें:
✅ ठेकेदार नसीम अहमदऔर सभी संलिप्त व्यक्तियों की गिरफ्तारी
✅ मौके पर मौजूद ट्रैक्टर, ट्रॉली और औजारों की जब्ती
✅ मासूम अली की निष्पक्ष जांच
✅ विभागीय समन्वय की विफलता पर कार्रवाई
✅ SDO पूनम केंथोला की भूमिका की भी प्रशासनिक समीक्षा
✅ हरेला पर्व के दिन इस कृत्य को “पर्यावरण अपराध” घोषित कर कार्रवाई
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