निष्पक्ष पत्रकारिता को सलाम विक्रम श्रीवास्तव को मिला ‘मानव अधिकार संरक्षण रत्न’ सम्मान देहरादून।

देहरादून।
राजधानी स्थित दून लाइब्रेरी में आयोजित मानव अधिकार संरक्षण केंद्र, उत्तराखण्ड की विचार गोष्ठी “अंकिता भंडारी हत्याकांड : निष्पक्षता, जांच से न्याय तक की यात्रा” के दौरान वरिष्ठ पत्रकार विक्रम श्रीवास्तव को “मानव अधिकार संरक्षण रत्न” से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता न्यायमूर्ति (अ.प्र.) राजेश टंडन ने की, जो कि नैनीताल उच्च न्यायालय के पूर्व पीठासीन सदस्य और केंद्र के केंद्रीय अध्यक्ष भी हैं। संचालन दिव्य हिमगिरी के संपादक कुंवर राज अस्थाना ने किया।
इस अवसर पर सहायक महानिरीक्षक कारागार धीरेंद्र गुंज्याल ने उपस्थित गणमान्यजनों के सामने अंकिता हत्याकांड से जुड़े ज्वलंत प्रश्नों का उत्तर दिया।
गोष्ठी में इस बात पर व्यापक सहमति बनी कि इस केस में न्याय की दिशा में मीडिया की निष्पक्ष और संवेदनशील भूमिका ने बड़ी भूमिका निभाई।
दैनिक भास्कर के ब्यूरो चीफ़ विक्रम श्रीवास्तव को सम्मानित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि पत्रकारिता में साहस, संवेदनशीलता और निष्पक्षता का संगम उनके लेखन में साफ झलकता है।
सम्मान ग्रहण करते हुए विक्रम श्रीवास्तव ने कहा—
“पत्रकारिता हमारे लिए शब्दों का खेल नहीं, ज़िम्मेदारी है। हम जीवित साँसों को अपनी लेखनी से जीवंत करते हैं। कोई लेख जब किसी के संघर्ष को आँसुओं तक पहुँचा दे, तो समझिए हमने पत्रकार धर्म निभाया है।”