हरिद्वार की आध्यात्मिक भूमि पर अपराध का साया: संत समाज ने दी चेतावनी, विधानसभा सीट से महात्मा को टिकट देने की उठी मांग

हरिद्वार की पवित्र भूमि, जहाँ एक ओर संतों का वास और आध्यात्मिक चेतना का केंद्र है, वहीं दूसरी ओर लगातार बढ़ते अपराधों ने अब साधु-संतों को भी चिंतित कर दिया है। श्रवण नाथ नगर स्थित श्रीराम शंकर आश्रम में आयोजित एक विशेष बैठक में अनेक प्रमुख अखाड़ों के महामंडलेश्वर, संत-महात्माओं ने एक स्वर में हरिद्वार विधानसभा सीट से आगामी 2027 के चुनाव में किसी महात्मा को भारतीय जनता पार्टी से टिकट देने की पुरजोर मांग की।
बैठक में वरिष्ठ महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरि (राष्ट्रीय अध्यक्ष, हिन्दू रक्षा सेना), उदासीन बड़ा अखाड़ा के महामंडलेश्वर रूपेन्द्र प्रकाश, रविदेव शास्त्री, गंगादास, दिनेश दास, हरिहरानंद और अन्य संतों ने भाग लिया। संतों ने स्पष्ट रूप से कहा कि हरिद्वार जैसे धार्मिक नगरी में अपराधियों और जिहादी तत्वों का बढ़ता प्रभाव नेताओं की लचर नीति का नतीजा है। संतों का कहना था कि केवल एक संत ही हरिद्वार की आध्यात्मिक गरिमा को बचा सकता है।
अपराध का बढ़ता ग्राफ चिंताजनक
हरिद्वार जनपद में बीते तीन वर्षों में संगीन अपराधों (हत्या, लूट, चोरी, नशा तस्करी) में लगभग 27% की बढ़ोतरी हुई है। पुलिस प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता को लेकर आम जनता के बीच असंतोष है। हर की पौड़ी जैसे इलाकों तक में अब असामाजिक तत्वों की गतिविधियाँ बढ़ती जा रही हैं, जो साधु-संतों के लिए भी खतरे की घंटी है।
पूर्व में भी संत रह चुके हैं विधायक
यह उल्लेखनीय है कि हरिद्वार की आध्यात्मिक परंपरा में पूर्व में भी संतों को राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान मिला है। वर्ष 2002 में महामंडलेश्वर स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि ने हरिद्वार से चुनाव लड़ने का प्रयास किया था, हालांकि उन्होंने बाद में चुनाव नहीं लड़ा। लेकिन यह परंपरा उज्जवल रही है कि संत समाज सामाजिक दायित्व में भी आगे रहा है।
जनता की सहमति भी महात्मा के पक्ष में
आश्रम की बैठक में यह भी स्पष्ट हुआ कि न केवल संत समाज, बल्कि हरिद्वार की आम जनता भी अब यह चाहती है कि उनके विधायक कोई ऐसा हो जो न केवल धार्मिक मूल्यों को समझता हो बल्कि अपराध के विरुद्ध खड़ा हो सके। यह सीट वर्तमान में भाजपा के वरिष्ठ नेता मदन कौशिक के पास है, लेकिन संत समाज का कहना है कि अब भाजपा को इस सीट पर किसी महात्मा को मैदान में उतारकर नया उदाहरण पेश करना चाहिए।
मुख्यमंत्री से किया अपील
साधु संत महात्माओं सुम्हामै महामंडलेश्वरो ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि 2027 के चुनाव में हरिद्वार सीट से किसी योग्य संत को टिकट देकर हरिद्वार को अपराधमुक्त, धार्मिक मूल्यों से युक्त विधानसभा क्षेत्र बनाया जाए।
निष्कर्ष:
हरिद्वार अब केवल तीर्थ नहीं, बल्कि साधु-संतों की आवाज़ का भी केंद्र बनता जा रहा है। यदि संतों को प्रतिनिधित्व मिलता है, तो यह न केवल आध्यात्मिक चेतना को पुनर्जीवित करेगा, बल्कि अपराधों पर भी एक सशक्त लगाम लगाई जा सकेगी।