धार्मिक साधना, सेवा और शिक्षा की प्रतीक: महंत योगी श्रद्धानाथ जी महाराज

हरिद्वार स्थित श्री बालाजी धाम की वर्तमान महंत, महंत योगी श्रद्धानाथ जी का जीवन आध्यात्मिक साधना, समाज सेवा और शिक्षा को समर्पित है। हरियाणा में जन्मीं योगी श्रद्धानाथ जी ने एम.एससी. व बी.एड. जैसी उच्च शिक्षाएं ग्रहण करने के उपरांत हरियाणा के एक इंटर कॉलेज में केमिस्ट्री प्रवक्ता के रूप में कार्य किया। परंतु सांसारिक जीवन को त्याग कर उन्होंने योगी परंपरा को अपनाते हुए संन्यास मार्ग को वरण किया।
इनके परम पूज्य गुरु महंत योगी गंगानाथ जी महाराज, नौसिद्ध परंपरा से हैं, जो गुजरात के बड़ौदा से संबद्ध हैं। श्रद्धानाथ जी की संत परंपरा महा योगी गोरखनाथ जी महाराज से जुड़ी है, जो गोरखधाम, गोरखपुर की प्राचीन एवं सिद्ध परंपरा है। इसी परंपरा से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज भी संबद्ध हैं।
महंत योगी श्रद्धानाथ जी ने लगभग 25 वर्षों तक ऋषिकेश स्थित लक्ष्मी भक्ति आश्रम (निराश्रित महिला आश्रम) की सेवा करते हुए अनेक निराश्रित बालिकाओं और महिलाओं को शिक्षा, दीक्षा एवं आत्मनिर्भर जीवन जीने की प्रेरणा दी। वर्तमान में वे श्री बालाजी धाम, आर्य नगर, श्यामपुर, कांगड़ी, हरिद्वार की महंत के रूप में सक्रिय हैं।
आपकी गहन रुचि धार्मिक साधना, योग साधना, एवं नारी सशक्तिकरण में है। समाज के उपेक्षित वर्ग, विशेषकर महिलाओं व बालिकाओं के उत्थान हेतु आपका योगदान सराहनीय एवं अनुकरणीय है। उत्तराखंड की पुण्यभूमि में आपका कार्यक्षेत्र समाज को दिशा देने वाला बन चुका है।