रुड़की कौर यूनिवर्सिटी छात्रों का हंगामा, वाइस प्रेसिडेंट श्रेयांश जैन बाउंसरों के साए में

फीस बढ़ोतरी और अनुचित जुर्माने के खिलाफ छात्रों का आंदोलन तेज
उत्तराखंड के रुड़की कोर यूनिवर्सिटी में छात्रों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। लगातार दूसरे दिन भी विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर धरना प्रदर्शन और नारेबाजी हुई। छात्रों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन मनमाने तरीके से फीस और फाइन वसूल रहा है, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
इस प्रदर्शन के दौरान माहौल उस वक्त और गरमा गया जब कॉलेज के वाइस प्रेसिडेंट श्रेयांश जैन कुछ बाउंसरों के साथ प्रदर्शनस्थल पर पहुंचे और छात्रों पर नारेबाजी न करने का दबाव बनाने लगे। बाउंसरों की मौजूदगी को लेकर छात्रों में गहरी नाराजगी है, क्योंकि यह विश्वविद्यालय प्रबंधन की दमनकारी नीतियों को दर्शाता है।
छात्रों ने लगाए गंभीर आरोप
छात्रों का कहना है कि उन्हें परीक्षा हॉल में बैठने से रोका जा रहा है और अनुचित शुल्क वसूलने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय ने ऐसे शुल्क लगाए हैं, जो भारतीय शिक्षा प्रणाली के मूल सिद्धांतों के खिलाफ हैं।
एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष आशीष चौधरी ने भी छात्रों का समर्थन किया और कहा कि कॉलेज प्रबंधन छात्रों के शोषण पर उतर आया है। उन्होंने मांग की कि इस मामले में सरकार को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए और छात्रों को न्याय दिलाना चाहिए।
मीडिया को भी कवरेज से रोका गया
जब इस मुद्दे को कवर करने के लिए मीडिया कर्मी कॉलेज पहुंचे, तो उन्हें सुरक्षाकर्मियों ने मुख्य द्वार पर ही रोक दिया। पत्रकारों को विश्वविद्यालय के भीतर जाने की अनुमति नहीं दी गई, जिससे प्रशासन की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।
हिंदू रक्षा सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरिष्ठ महामंडलेश्वर प्रबोधनंद गिरि ने छात्रों को दिया अपना आशीर्वाद
इस पूरे घटनाक्रम पर हिंदू रक्षा सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरिष्ठ महामंडलेश्वर प्रबोधनंद गिरि ने छात्रों को अपना आशीर्वाद देते हुए मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस विषय पर बात करने का आश्वासन भी प्रदर्शन कर रहे छात्रों को दिया
प्रशासन पर सवाल, सरकार से कार्रवाई की मांग
छात्रों का कहना है कि कॉलेज परिसर में बाउंसरों की तैनाती न केवल भय का माहौल बना रही है, बल्कि यह शिक्षा के माहौल को भी दूषित कर रही है। प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और राज्यपाल से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।
प्रशासन की चुप्पी, बढ़ती नाराजगी
कॉलेज प्रशासन ने अब तक कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है, लेकिन छात्रों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। अगर जल्द ही समाधान नहीं निकला तो यह विरोध प्रदर्शन और उग्र हो सकता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार और शिक्षा विभाग इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।