पायलट बाबा आश्रम में हड़कंप: शिष्या मीरा गिरी का आकस्मिक निधन, प्रबंधन पर लगे गंभीर आरोप

हरिद्वार। पायलट बाबा आश्रम में उस समय मातम छा गया जब बाबा की वरिष्ठ शिष्या मीरा गिरी का आकस्मिक निधन हो गया। मीरा गिरी हाल ही में दिल्ली से हरिद्वार पहुंची थीं और वहां से प्रयागराज महाकुंभ की आध्यात्मिक यात्रा पर निकली थीं। लेकिन इसी दौरान परसों रात उनका अचानक देहांत हो गया।
उनके निधन के तुरंत बाद पूनम गिरी और अन्य शिष्य उनके पार्थिव शरीर को लेकर रातोंरात दिल्ली रवाना हो गए। इस घटना के बाद पायलट बाबा कैंप में शोक की लहर दौड़ गई, लेकिन इसके साथ ही कुछ चौंकाने वाले आरोप भी सामने आए हैं।
शिष्यों के साथ दुर्व्यवहार के आरोप
पायलट बाबा के कई वरिष्ठ शिष्यों ने आश्रम प्रबंधन पर अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाया है।
शिष्यों का कहना है कि आश्रम में तैनात सुरक्षा गार्ड उनके साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं। यहां तक कि मूलभूत सुविधाएं, जैसे भोजन और पानी भी ठीक से उपलब्ध नहीं कराया जा रहा। प्रबंधन सवाल अमर अनिल सिंह ,जग्गा, चेतना, श्रद्धा और शैलेश्वरानंद पर यह आरोप लगाए जा रहे हैं
पायलट बाबा के पुराने शिष्य पूनम गिरी और शंभू गिरी सहित कई अनुयायियों ने दावा किया है कि बाबा के शिष्यों को डराया-धमकाया जा रहा है और जबरन बाहर करने की कोशिश हो रही है।
व्हाट्सएप ग्रुप में कई ऑडियो और वीडियो सामने आए हैं, जिनमें शिष्यों ने अपने साथ हो रहे दुर्व्यवहार के प्रमाण साझा किए हैं।
क्या पायलट बाबा की हत्या से जुड़ा है यह विवाद?
पायलट बाबा के भांजे प्रेमानंद गिरी ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि आश्रम के मौजूदा प्रबंधन के लोग ही पायलट बाबा की हत्या में शामिल हैं।
गौरतलब है कि सासाराम (बिहार) में पायलट बाबा के पोते अभिषेक ने बाबा की हत्या का मामला दर्ज कराया था। इस मामले में चेतन, श्रद्धा, अमर, अनिल सिंह और तीन अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है।
प्रेमानंद गिरी का कहना है कि आश्रम के मौजूदा प्रबंधन के पास भारी धन-संपत्ति है, जिसका उपयोग वे पुराने शिष्यों को दबाने और प्रताड़ित करने के लिए कर रहे हैं।
मीरा गिरी की मौत से उठे नए सवाल
शिष्यों के अनुसार, मीरा गिरी आश्रम में चल रहे विवादों को लेकर बहुत परेशान थीं। वह लगातार शिष्यों को शांत करने और स्थिति सुधारने की कोशिश कर रही थीं।
सूत्रों के मुताबिक, जिस रात मीरा गिरी का निधन हुआ, उसी रात उन्होंने कुछ पत्रकारों से बातचीत की थी। उन्होंने इस दौरान कई गंभीर खुलासे किए, जिनके बारे में अब चर्चा हो रही है।
उनके आकस्मिक निधन से यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या उनकी मौत स्वाभाविक थी, या फिर इसमें कोई साजिश थी?
क्या पायलट बाबा के आध्यात्मिक अनुयायियों के साथ अन्याय हो रहा है?
मीरा गिरी के निधन से पायलट बाबा आश्रम को दूसरी सबसे बड़ी क्षति पहुंची है। इससे पहले पायलट बाबा के निधन ने उनके अनुयायियों को गहरे शोक में डाल दिया था।अब सवाल यह उठता है कि क्या आध्यात्मिक यात्रा पर निकले शिष्यों के साथ पक्षपात किया जा रहा है?
आश्रम में हो रही इन गतिविधियों की गहन जांच की जरूरत है।
शिष्यों की मांग है कि सरकार और प्रशासन इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करें और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।क्या पायलट बाबा आश्रम में आंतरिक कलह ने एक और बलि ले ली? यह जांच का विषय है, लेकिन अनुयायियों की नाराजगी और बढ़ती असंतोष इस विवाद को और गहरा कर सकती है।