प्रयागराज महाकुंभ: विवादों में पायलट बाबा कैंप, न्याय की गुहार के साथ उठ रहे गंभीर सवाल

हरिद्वार ,प्रयागराज महाकुंभ 2025 में जहां एक ओर देश-विदेश से श्रद्धालु आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करने और कल्पवास के लिए जुट रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पायलट बाबा कैंप लगातार विवादों में घिरा हुआ है। हाल ही में पायलट बाबा की पुरानी शिष्या पूनम गिरी ने एक वीडियो जारी कर साधु-संतों और महात्माओं से अपील की है कि वे महायोगी पायलट बाबा को न्याय दिलाने के लिए आगे आएं।
षड्यंत्रपूर्वक हत्या का आरोप, सासाराम में मुकदमा दर्ज
कुछ समय पहले पायलट बाबा की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मृत्यु को लेकर सासाराम में हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसमें श्रद्धा चेतना अनिल जय जग्गा और अन्य को आरोपी बनाया गया है हालांकि हरिद्वार पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी का गठन किया है और जांच जारी है। लेकिन बाबा के शिष्य शंभू गिरी और पूनम गिरी ने इस जांच पर सवाल उठाते हुए दावा किया है कि पैसे और प्रभाव के बल पर इसे भटकाने की कोशिश की जा रही है।
शंभू गिरी के गंभीर आरोप, बाबा की संपत्ति को लेकर विवाद
शंभू गिरी, जो पायलट बाबा के प्रमुख शिष्यों में से एक हैं, लगातार वीडियो जारी कर कैंप में मौजूद अनिल, जग्गा, चेतन, और श्रद्धा पर निशाना साध रहे हैं। उनका कहना है कि पायलट बाबा की मृत्यु के पीछे गहरा षड्यंत्र है, जो समय के साथ सामने आएगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि बाबा के पुराने शिष्यों के साथ कैंप में अपमानजनक व्यवहार किया जा रहा है।
पूनम गिरी का खुलासा: संपत्ति के दुरुपयोग का मामला
पूनम गिरी ने अपने वीडियो में बाबा के पूर्व ड्राइवर जग्गा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने बाबा की ट्रांसपोर्ट में लगी गाड़ियों को बेचकर उनका निजी उपयोग किया। पूनम गिरी का कहना है कि बाबा के नाम पर बनी संपत्तियों को निजी लाभ के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने साधु-संतों और महाकुंभ के श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इस मामले में आवाज उठाएं और बाबा को न्याय दिलाने में सहायता करें।
महायोगी पायलट बाबा की विरासत: आस्था और विवाद का संगम
महायोगी पायलट बाबा, जिन्होंने भारतीय वायुसेना छोड़कर आध्यात्मिक मार्ग चुना और दुनिया भर में अपने प्रवचनों और साधना से प्रसिद्धि पाई, आज विवादों के घेरे में हैं। उनकी विरासत और शिक्षाओं को संभालने की बजाय यह विवाद उनकी छवि को धूमिल कर रहा है।
भावनात्मक अपील:
महाकुंभ, जो आध्यात्मिक शांति और धर्म का प्रतीक है, ऐसे विवादों से आहत हो रहा है। पायलट बाबा, जिन्होंने अपने जीवन में साधना और मानव सेवा को प्राथमिकता दी, उनकी मृत्यु के बाद उठे इस विवाद ने उनके लाखों अनुयायियों के दिल को झकझोर दिया है। क्या बाबा, जिन्होंने जीवन भर सत्य और धर्म का प्रचार किया, मृत्यु के बाद न्याय से वंचित रहेंगे?
किस ओर जाएगा मामला?
महाकुंभ के साधु-संत और श्रद्धालु अब इस मामले पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। क्या एसआईटी की जांच निष्पक्ष होगी? क्या बाबा की मौत के पीछे का सच सामने आएगा? और क्या उनकी विरासत को बचाया जा सकेगा? यह सब सवाल अब साधु-संतों के साथ समाज के सामने भी खड़े हैं।
आस्था के इस केंद्र महाकुंभ में, न्याय और सच्चाई की यह लड़ाई किस दिशा में जाएगी, यह देखना शेष है।