August 7, 2025
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हरिद्वार प्रशासन पर भ्रष्टाचार और माफिया गठजोड़ का आरोप, मातृ सदन ने डीएम और एसएसपी की निष्क्रियता पर उठाए सवाल

हरिद्वार, 30 दिसंबर 2024: मातृ सदन, हरिद्वार ने जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह और एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एक विस्तृत शिकायत पत्र में आश्रम ने प्रशासन पर माफियाओं के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया है और 48 घंटे में कार्रवाई की मांग की है।

शिकायत में प्रशासन की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार को उजागर करते हुए निम्नलिखित घटनाओं को रेखांकित किया गया है:

अवैध खनन पर प्रशासनिक चुप्पी:

ग्राम बिशनपुर कुंडी के सैसा स्टोन क्रशर क्षेत्र में पिछले दो दिनों से खुलेआम अवैध खनन हो रहा है। शिकायत के बावजूद खनन अधिकारी द्वारा केवल औपचारिक कार्रवाई की गई, और माफियाओं के साथ “समझौते” के तहत दोषियों को छोड़ दिया गया।

गरीब किसान पर हमला:

ग्राम नेहंदपुर (लक्सर) में खनन माफियाओं ने एक किसान पर हमला कर उसका हाथ तोड़ दिया, जब उसने अवैध खनन का विरोध किया। पुलिस ने किसान को धमकाया और कोई कार्रवाई नहीं की।

माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं:

ग्राम बिशनपुर कुंडी और अन्य स्थानों पर सक्रिय माफियाओं के नाम सार्वजनिक किए गए, लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई जांच शुरू नहीं की।

नायब तहसीलदार द्वारा धमकी:

शिकायतकर्ता ग्रामीणों को धमकाने और जानकारी साझा करने से रोकने का आरोप नायब तहसीलदार श्री सैनी पर लगाया गया है। मातृ सदन ने इनके तत्काल निलंबन की मांग की है।

फोन सर्विलांस और साजिश:

मातृ सदन के अनुसार, उनके फोन कॉल्स की निगरानी की जा रही है। एसएसपी पर माफियाओं के साथ सांठगांठ का आरोप लगाया गया है।

डीएम देहरादून के परिपत्र की अनदेखी:

अवैध खनन पर रोकथाम के लिए जारी दिशानिर्देशों को हरिद्वार में लागू न करने का आरोप प्रशासन पर लगाया गया है।

मातृ सदन की चेतावनी:

आश्रम ने जिलाधिकारी को 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि इन मुद्दों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो प्रशासन के खिलाफ न्यायालय का सहारा लिया जाएगा।

प्रतिलिपि:

शिकायत की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और एसएसपी हरिद्वार को भी प्रेषित की गई है। मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग करते हुए, मातृ सदन ने कहा कि राज्य का प्रशासन माफियाओं के हाथों में है।

निष्कर्ष:

हरिद्वार प्रशासन और माफियाओं के गठजोड़ पर उठे गंभीर सवालों ने शासन-प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर दिया है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।

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