हरिद्वार गंगा तट पर बहा ध्यान योग का सागर विश्व ध्यान दिवस पर ब्रह्माकुमारीज़ ने दिया आत्मिक शांति का संदेश
हरिद्वार, 21 दिसंबर: विश्व ध्यान दिवस 2024 के अवसर पर ब्रह्माकुमारीज़ संस्था ने हरिद्वार के पावन गंगा तट पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। “आंतरिक शांति, वैश्विक सद्भाव” थीम पर आधारित इस आयोजन ने वातावरण को ध्यानमय बना दिया।
राजयोगिनी बीके मंजू के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में साधु-संतों और ब्रह्माकुमारीज़ से जुड़े अनेक भाई-बहनों ने राजयोग के माध्यम से ध्यान का महत्व समझाया। कार्यक्रम का संचालन राजयोगी ब्रह्माकुमार सुशील भाई ने किया।
उत्तराखंड शासन के राज्य मंत्री स्तर के अधिकारी श्यामवीर सैनी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने ब्रह्माकुमारीज़ संस्था की प्रशंसा करते हुए कहा, “राजयोग आत्मा और परमात्मा के मिलन की विधि है। यह दुनिया की सबसे बड़ी नारी नेतृत्व की अनुशासित संस्था है।”
राजयोगिनी मंजू दीदी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में ध्यान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “ध्यान करने के लिए आत्मा को पहचानना और परमात्मा से जुड़ना जरूरी है। आत्मा की शक्तियों को सकारात्मक बनाकर ही सुख और शांति प्राप्त की जा सकती है।”
गंगा तट पर आयोजित इस आयोजन में राजयोगिनी मीना दीदी ने कहा, “सुख और शांति हमारे भीतर ही हैं। इन्हें प्राप्त करने के लिए विकारों का त्याग और आत्मस्वरूप में रहना आवश्यक है।”
कार्यक्रम में रवि दत्त शास्त्री, महंत जमना दास, गोविंद कृष्ण जी महाराज, समाजसेवी जगदीश लाल पाहवा, साहित्यकार श्रीगोपाल नारसन सहित अनेक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व उपस्थित रहे।
ब्रह्माकुमारीज़ ने योगासन और ध्यान के बीच के अंतर को भी स्पष्ट किया। संस्था के अनुसार, जहां योगासन शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाने का माध्यम है, वहीं राजयोग ध्यान के माध्यम से आत्मा को परमात्मा से जोड़ने की विधि है।
इस कार्यक्रम ने आत्मिक शांति और वैश्विक सद्भाव का संदेश देते हुए सभी को एक नई ऊर्जा और दृष्टिकोण प्रदान किया।