नमामि गंगे घाट पर आर्य समाज ने किया भव्य राष्ट्रीय भक्ति महायज्ञ का आयोजन
हरिद्वार, विशेष संवाददाता
हरिद्वार के नमामि गंगे घाट पर आर्य समाज ने अपने संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती और आर्य समाज की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में भव्य राष्ट्रीय भक्ति महायज्ञ का आयोजन किया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में 5100 कुंडीय यज्ञ का आयोजन हुआ, जिसमें आर्य समाज के विद्यालयों के सैकड़ों विद्यार्थियों ने भाग लेकर इस आयोजन को दिव्य और विशिष्ट बना दिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आर्य समाज युवा समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगी सूरी ने महर्षि दयानंद सरस्वती के आदर्शों और आर्य समाज की शिक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा, “आर्य समाज का यह आयोजन केवल आध्यात्मिकता का प्रतीक नहीं है, बल्कि युवा पीढ़ी को संस्कार, समाज सेवा और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने का प्रयास भी है।”
जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने भी इस महायज्ञ में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि “यह महायज्ञ समाज को एकजुटता और संस्कृति के प्रति जागरूक करने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।”
महायज्ञ का उद्देश्य
आर्य समाज के इस आयोजन का उद्देश्य न केवल धर्म और संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना था, बल्कि गंगा संरक्षण, स्वच्छता और पर्यावरण जागरूकता को भी बढ़ावा देना था। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं, समाजसेवियों और विद्यार्थियों ने यज्ञ में भाग लिया और महर्षि दयानंद सरस्वती को श्रद्धांजलि अर्पित की।
यह आयोजन हरिद्वार में समाज को एकता और आध्यात्मिकता का संदेश देने में सफल रहा। श्रद्धालुओं ने यज्ञ में आहुति देकर आर्य समाज के 150 वर्षों के गौरवशाली इतिहास को स्मरण किया।
आर्य समाज के इस आयोजन ने हरिद्वार को एक बार फिर धर्म, संस्कृति और समाज सेवा के महत्व का प्रतीक बना दिया। आयोजकों ने भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रमों को आयोजित करने की प्रतिबद्धता जाहिर की।