गंगा संरक्षण के लिए मातृ सदन का संघर्ष तेज
हरिद्वार, रोशनाबाद गंगा की अविरलता और निर्मलता को बनाए रखने के लिए लंबे समय से सक्रिय मातृ सदन ने एक बार फिर अवैध खनन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मातृ सदन के सुधानंद, किसान संगठनों और सेवादल के सदस्यों ने मंगलवार को रोशनाबाद स्थित जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचकर खनन रोकने की मांग उठाई। उन्होंने एडीएम, खनन अधिकारी और तहसीलदार के समक्ष गंगा में चल रहे अवैध खनन पर तुरंत रोक लगाने की अपील की।
चंडीगढ़ के माफिया पर आरोप
मातृ सदन के संस्थापक शिवानंद सरस्वती ने कड़े शब्दों में कहा, “चंडीगढ़ के माफिया हरिद्वार में गंगा को लूटने का प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री अगर सच्चे धार्मिक हैं, तो उन्हें तुरंत गंगा में हो रहे खनन को रुकवाना चाहिए। गंगा हमारी सांस्कृतिक और पर्यावरणीय धरोहर है, इसे लूटने नहीं दिया जाएगा।”
वायरल वीडियो ने खड़ा किया सवाल
यह मामला तब और गर्मा गया, जब बिशनपुर कुंडी से अवैध खनन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। मातृ सदन के सुषानंद ने वीडियो को अपने आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप पर साझा किया। वीडियो में जिला खनन अधिकारी काजिम खान पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसके बाद जिला अधिकारी को भी तलब किया गया।
शासकीय अनुमति के बावजूद विरोध
हाल ही में चांदीपुर क्षेत्र में खनन के लिए शासकीय आदेश जारी किए गए, जिसके तहत एलएनटी मशीनों द्वारा गंगा में खनन शुरू किया गया। इस पर मातृ सदन ने कड़ा विरोध जताते हुए खनन को तुरंत बंद करने की मांग की।
गंगा संरक्षण की वर्षों पुरानी लड़ाई
मातृ सदन पिछले कई दशकों से गंगा की स्वच्छता और प्रवाह को बनाए रखने के लिए संघर्षरत है। संगठन ने कई बार आंदोलन और अनशन कर अवैध खनन को रुकवाने का प्रयास किया है। उनका मानना है कि खनन से गंगा का पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ रहा है और इससे स्थानीय लोगों की धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंच रही है।
प्रशासन को चेतावनी
मातृ सदन ने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि अवैध खनन पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए। साथ ही, चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे व्यापक जन आंदोलन करेंगे।
मातृ सदन का यह कदम न केवल पर्यावरणीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज के जागरूक तबके को प्रेरित करने वाला भी है। गंगा को बचाने की यह लड़ाई हमारे सांस्कृतिक और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के प्रति एक मजबूत संदेश देती है।